LinkedIn Twitter
20 August 2019

जीवन का परिहास

इस परिहास में भी तो कोई आस  होगी

इस परिहास में भी तो कोई आस  होगी
हमें  तो था पूरा विश्वास
नहीं पता था की  विश्वास पर भी घात होगी
किया था पूर्ण आलिंगन
नहीं पता था की तुम आस्तीन का सांप होगी

दिया तो था सम्पर्ण का हार
नहीं पता था की तुम्हे एक हार काफी नहीं होगा
जब डाले सौ हार तुमने गले में
क्यों नहीं सोचा उन हारों में मेरी हार होगी

कर लिया है आज एक फैसला
नहीं पता क्या समाज का कल फैसला होगा
यहाँ फैसला जो भी हो
देखना एक दिन भगवन के घर सही फैसला होगा

यह श्राप खाली नहीं जाएगा
मेरे आँसू का हर कण तुम पर भारी पड़ जाएगा
धर्म का जिसने किया पालन
उसके धर्मं का वार कभी खाली नहीं जाएगा

मेरा दिल करता है क्रंदन
उस क्रंदन की पुकार, एक दिन पूरा जग सुन पायेगा
आज  टूटी है आस
ईश्वर कभी तो फिर से आस जगाएगा
आज है तुम्हारा दिन, एक दिन मेरा भी आएगा

by Puneet Gaur
0 Comments
0 Comments
No comments found.

Leave a Comment

Let's stay in touch

Subscribe To Our Newsletter

Loading