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23 December 2013

मझधार -1

यह पुकार, यह बहार, यह प्यार, हुआ आज क्या है?
मचलता दिल, यह बता तेरे दिल में आज क्या है ?

बेकरार, अंतहीन इंतज़ार, इस गीत का साज क्या है ?
यह लाज, लाल गाल, इस मुस्कराहट का राज क्या है?

यह तड़प, यह कसक, भीगी आँख, कैसे यह आह है ?
बढे कदम, रुके कदम, हर  कदम पर किसकी  चाह है ?

ना रूक तू , न मुड़ तू, अपनी बाहों में मुझे, तू बाँध ले
मैं बह चला, अपने दिल से तू, मेरे दिल को थाम ले

यह सफ़र, है कठिन, पर अंत में फूलों की कतार है

गर तू थाम ले हाथ मेरा, हर डगर फूलों कि बहार है

by Puneet Gaur
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